shayariii.
दिल अपने को एक मंदिर बना रखा है,
उस के अंदर बस तुझ को बसा रखा है,
रखता हूँ तेरी चाहत की तमन्ना रात दिन,
तेरे आने की उम्मीद का दिया जला रखा है।
दिल अपने को एक मंदिर बना रखा है,
उस के अंदर बस तुझ को बसा रखा है,
रखता हूँ तेरी चाहत की तमन्ना रात दिन,
तेरे आने की उम्मीद का दिया जला रखा है।
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